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Sunday, 21 January 2018

मृणालिनी साराभाई (जन्म- 11 मई, 1918, केरल; मृत्यु- 21 जनवरी, 2016, अहमदाबाद, गुजरात)

मृणालिनी साराभाई



पूरा नाम

मृणालिनी साराभाई

जन्म

11 मई1918

जन्म भूमि

केरल

मृत्यु

21 जनवरी2016

मृत्यु स्थान

अहमदाबादगुजरात

कर्म भूमि

भारत

कर्म-क्षेत्र

शास्त्रीय नृत्य

पुरस्कार-उपाधि

'पद्मभूषण', 'पद्मश्री', 'कालिदास सम्मान' (1996-97)।

प्रसिद्धि

शास्त्रीय नृत्यांगना

नागरिकता

भारतीय

संबंधित लेख

विक्रम साराभाईलक्ष्मी सहगल

अन्य जानकारी

मृणालिनी की बड़ी बहन लक्ष्मी सहगल स्वतंत्रता सेनानी थीं। वे प्रसिद्ध क्रांतिकारी सुभाषचंद्र बोस की आज़ाद हिंद फ़ौज की महिला सेना झांसी रेजीमेंट की कमांडर इन चीफ़ थीं।

मृणालिनी साराभाई (अंग्रेज़ी: Mrinalini Sarabhai , जन्म- 11 मई1918केरल; मृत्यु- 21 जनवरी2016अहमदाबादगुजरातभारत की प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगना थीं। उन्हें 'अम्मा' के तौर पर जाना जाता था। शास्त्रीय नृत्य में उनके योगदान तथा उपलब्धियों को देखते हुए भारत सरकारने उन्हें 'पद्मभूषण' से सम्मानित किया था।

संक्षिप्त परिचय

मृणालिनी साराभाई का जन्म भारतीय राज्य केरल में 11 मई, 1918 को हुआ था।

अपने बचपन का अधिकांश समय मृणालिनी साराभाई ने स्विट्जरलैंड में बिताया। यहां 'डेलक्रूज स्‍कूल' से उन्‍होंने पश्चिमी तकनीक से नृत्‍य कलाएं सीखीं। उन्‍होंने शांति निकेतन से भी शिक्षा प्राप्‍त की थी।[1]

मृणालिनी साराभाई ने भारत लौटकर जानी-मानी नृत्‍यांगना मीनाक्षी सुंदरम पिल्लई से भरतनाट्यम का प्रशिक्षण लिया था और फिर दक्षिण भारतीय शास्त्रीय नृत्य और पौराणिक गुरु थाकाज़ी कुंचू कुरुप से कथकली के शास्त्रीय नृत्य-नाटक में प्रशिक्षण लिया।

उनके पति विक्रम साराभाई देश के सुप्रसिद्ध भौतिक वैज्ञानिक थे। उनकी बेटी मल्लिका साराभाई भी प्रसिद्ध नृत्यांगना और समाजसेवी हैं।

मृणालिनी की बड़ी बहन लक्ष्मी सहगल स्वतंत्रता सेनानी थीं। वे प्रसिद्ध क्रांतिकारी सुभाषचंद्र बोस की आज़ाद हिंद फ़ौज की महिला सेना झांसी रेजीमेंट की कमांडर इन चीफ़ थीं।[1]

भारत सरकार की ओर से मृणालिनी साराभाई को देश के प्रसिद्ध नागरिक सम्मान 'पद्मभूषण' और 'पद्मश्री' से सम्मानित किया गया था। 'यूनिवर्सिटी ऑफ़ ईस्ट एंगलिया', नॉविच यूके ने भी उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि दी थी। 'इंटरनेशनल डांस काउंसिल पेरिस' की ओर से उन्हें एग्जीक्यूटिव कमेटी के लिए भी नामित किया गया था।

प्रसिद्ध 'दर्पणा एकेडमी' की स्थापना मृणालिनी साराभाई ने की थी।


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