एस. सत्यमूर्ति
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पूरा नाम | एस. सत्यमूर्ति |
जन्म | 19 अगस्त, 1887 |
जन्म भूमि | तिरुचिराप्पल्ली, तमिलनाडु |
मृत्यु | 20 मार्च, 1943 |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | क्रांतिकारी नेता |
धर्म | हिंदु |
आंदोलन | सविनय अवज्ञा आन्दोलन, भारत छोड़ो आन्दोलन |
जेल यात्रा | एस. सत्यमूर्ति को सविनय अवज्ञा आन्दोलन में भाग लेने के कारण सन 1931 और 1932 में जेल की सजा हुई। |
शिक्षा | क़ानून की पढ़ाई |
अन्य जानकारी | एस. सत्यमूर्ति एक महान् वक्ता, शिक्षाविद और कला के पारखी थे, जो बाद में बहुत से राजनीतिज्ञों के पितामह रहे। |
एस. सत्यमूर्ति (अंग्रेज़ी: S. Satymurti, जन्म: 19 अगस्त, 1887, ज़िला तिरुचिराप्पल्ली, तमिलनाडु; मृत्यु: 20 मार्च, 1943) भारत के क्रांतिकारी नेता थे, जिन्होंने सविनय अवज्ञा आन्दोलन और भारत छोड़ो आन्दोलन में भाग लिया तथा जेल की सजाएं भोगीं।[1]
परिचय
एस. सत्यमूर्ति का जन्म तमिलनाडु के तिरुचिराप्पल्ली ज़िले में, 19 अगस्त, 1887 में हुआ था। ये एक मध्यवर्गीय ब्राह्मण परिवार से थे। इन्होंने गांव में ही अपनी प्रारंभिक शिक्षा तथा मद्रास से उच्च शिक्षा प्राप्त की। इन्होंने विधि में अध्ययन किया तथा मद्रास से अपनी वकालत शुरू कर दी।
जेल यात्रा
एस. सत्यमूर्ति सन 1919 में कांग्रेस में सक्रिय रूप से शामिल हुए और सन 1923 में स्वराज पार्टी के उम्मीदवार के रूप में मद्रास विधानसभा में चुने गये। सत्यमूर्ति ने 1930 के सविनय अवज्ञा आन्दोलन में भाग लिया, जिस कारण इन्हें सन 1931 और 1932 में जेल की सजा हुई। दिल्ली में इन्हें भारतीय विधान परिषद के लिए चुना गया तथा बाद में कांग्रेस पार्टी के उपनेता चुने गये। सन 1940 में इन्होंने व्यक्तिगत सत्याग्रह में भाग लिया, जिसमें इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इन्होंने भारत छोड़ो आन्दोलन में भी हिस्सा लिया, जिसमें इन्हें जेल की सजा हुई।
निधन
एस. सत्यमूर्ति का निधन 20 मार्च, 1943 में हो गया। यह एक महान् वक्ता, शिक्षाविद और कला के पारखी थे, जो बाद में बहुत से राजनीतिज्ञों के पितामह भी रहे।
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