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Monday, 20 August 2018

तराइन की लड़ाई


तराइन की लड़ाई





सांकेतिक शब्द : तराइन की लड़ाई , तराइन की प्रथम लड़ाई , तराइन की दूसरी लड़ाई , तराइन का युद्ध





प्रधान भाग : राजपूतों द्वारा लड़ा गया पहला युद्ध तराइन की लड़ाई (1191 AD )  थी |इस युद्ध में चौहान राजवंश के पृथ्वी राज ने मुहम्मद गौरी को हरियाणा में थानेश्वर के निकट तराइन में पराजित कर दिया था | तराइन की दूसरी लड़ाई (1192 AD ) भी तराइन में ही लड़ी गई जिसमे मुहम्मद गौरी के द्वारा पृथ्वीराज को पराजित किया गया |





मुहम्मद गौरी कौन था ?





गौरी, गजनी के अधीन थे परंतु महमूद गजनी की मृत्यु के बाद उन्होने अपने आप को स्वाधीन घोषित कर दिया | मुईज़्ज़ुद्दीन मुहम्मद जिसे मुहम्मद गौरी के नाम से जाना जाता था, ने गज़्नाविद साम्राज्य के पतन के बाद गजनी को अपने नियंत्रण में कर लिया था | गजनी में अपना स्थान मजबूत और सुरक्षित करके मुहम्मद गौरी ने भारत पर ध्यान केन्द्रित किया और गजनी के महमूद की तरह भारत को जीतना चाहा था |





1175AD  में मुहम्मद गौरी ने मुल्तान  और  पूरे सिंध पर कब्जा कर लिया | 1186 में इसने पंजाब पर हमला किया और खुसरु मलिक से कब्ज़ा छीन लिया | उसके बाद इसने चौहान राज्य पर हमला किया |





तराइन की पहली लड़ाई (1191 AD)





पृथ्वीराज चौहान ने 1191 AD में दिल्ली के निकट तराइन की लड़ाई में गौरी को हरा दिया | इस हार का बदला लेने के लिए गौरी एक बड़ी सेना के साथ पेशावर और मुल्तान से होते हुए लाहौर आया और पृथ्वीराज चौहान पर आक्रमण कर दिया | चौहान ने बड़ी सेना एकत्रित की जिसमे 3,00,000 घोड़े, 3000 हाथी और पैदल सैनिकों की बड़ी फौज थी, कई हिन्दु राजा और प्रमुख भी उनके साथ जुड़ गए |   





तराइन की दूसरी लड़ाई (1192 AD)





1192 AD में तराइन की दूसरी लड़ाई में मुहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज की सेना को बखूबी ढंग से पराजित किया | पृथ्वीराज को बंदी बना लिया और हत्या कर दी |





1206 में मुहम्मद गौरी की हत्या से पहले तुर्क ने गंगा यमुना दोआब और इसके पास के पड़ोसी क्षेत्रों बंगाल और बिहार को भी जीत लिया | तराइन की लड़ाई ने भारत के इतिहास में एक नए युग को जन्म दिया जैसे दास परंपरा  की शुरुआत  हुई |





तराइन की लड़ाई के प्रभाव





• राजपूतों की राजनीतिक प्रतिष्ठा को झटका लगा |
• भारत में पहला मुस्लिम राज्य की स्थापना हुई थी |
• मुहम्मद गौरी के प्रतिनिधि कुतब –उद-दीन ऐबक (1206-11) ने भारत में दिल्ली सल्तनत की स्थापना की |
• भारत के जोखिम को भांपते हुए दूसरे विदेशी आक्रमणकारियों ने भारत पर आक्रमण किया |




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