मिज़ोरम
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राजधानी | आईजोल |
स्थापना | 20 फ़रवरी, 1987 |
जनसंख्या | 10,91,014 [1] |
· घनत्व | 42[1] /वर्ग किमी |
क्षेत्रफल | 21,087 वर्ग किमी [1] |
भौगोलिक निर्देशांक | 23°22′N 92°00′E |
तापमान | 20 °C (औसत) |
· ग्रीष्म | 29 °C |
· शरद | 11 °C |
ज़िले | 8[1] |
साक्षरता | 91.85[1]% |
राज्यपाल | निर्भय शर्मा[1] |
मुख्यमंत्री | पू लल्थनवाला[1] |
विधानसभा सदस्य | 40 |
लोकसभा क्षेत्र | 1 |
बाहरी कड़ियाँ | अधिकारिक वेबसाइट |
अद्यतन |
16:25, 30 जनवरी 2016 (IST)
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मिज़ोरम (अंग्रेज़ी:Mizoram) भारत गणराज्य में एक पर्वतीय प्रदेश है। मिज़ोरम देश के पूर्वोत्तर हिस्से में स्थित है और इसका क्षेत्रफल 21,081 वर्ग किमी. है। मिज़ोरम के पूर्व और दक्षिण में म्यांमार और पश्चिम में बांग्लादेश है। पश्चिमोत्तर में त्रिपुरा, उत्तर में असमतथा पूर्वोत्तर में मणिपुर है। मिज़ोरम की राजधानी आईजोल है। फ़रवरी, 1987 को यह भारत का 23वां राज्य बना। 1972 में केंद्रशासित प्रदेश बनने से पहले तक यह असम का एक ज़िला था। मिज़ोरम में प्राकृतिक सौंदर्य बिखरा पड़ा है तथा इस क्षेत्र में प्रकृति की विभिन्न छटाएं देखने को मिलती हैं। यह क्षेत्र विभिन्न प्रजाति के प्राणियों तथा वनस्पतियों से संपन्न है।
इतिहास
1891 में ब्रिटिश शासन में जाने के बाद कुछ वर्षो तक उत्तर का लुशाई पर्वतीय क्षेत्र असम के और आधा दक्षिणी भाग पश्चिम बंगाल के अधीन रहा। 1898 में दोनों को मिलाकर एक ज़िला बना दिया गया जिसका नाम 'लुशाई हिल्स ज़िला'। यह असम के मुख्य आयुक्त के प्रशासन में आ गया। 1972 में पूर्वोत्तर क्षेत्र पुनर्गठन अधिनियम लागू होने पर मिज़ोरम केंद्रशासित प्रदेश बन गया। भारत सरकार और मिज़ो नेशनल फ्रंट के बीच 1986 में हुए ऐतिहासिक समझौते के फलस्वरूप 20 फ़रवरी, 1987 को इसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया।
भूगोल
भूगर्भशास्त्रीय दृष्टि से मिज़ो पहाड़ियाँ अराकान आर्क का हिस्सा है जो सुसंगठित समानांतर पर्वतस्कंधों की उत्तर-दक्षिण दिशा में स्थित शृंखला है, जिसका निर्माण तृतीयक बलुआ पत्थर, चूना-पत्थर और स्लेट-पत्थर[2]से हुआ है। संकरी नदी घाटियों से विभक्त पर्वतस्कंधों की ऊँचाई 2,157 मीटर है।- जलवायु
मिज़ोरम की जलवायु समशीतोष्ण है। आइज़ोल का वार्षिक औसत तापमान 20° से. है। वर्षा मुख्यत: दक्षिण मॉनसून (मई से सितंबर) के दौरान होती है और कुछ क्षेत्रों में कुल वार्षिक वर्षों 2,500 मिमी तक होती है।
- पहाड़ियाँ
मिज़ोरम की पहाड़ियां घने सदाबहार वनों से ढकी हैं, जिनमें चंपक, आयरन वुड और गुर्जुन जैसे मूल्यवान इमारती लकड़ी के वृक्ष पाए जाते हैं। वास्तविक वनाच्छादित क्षेत्र 18,775 वर्ग किमी है, जो भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 89 प्रतिशत है। इन जंगलों में हाथी, बाघ, भालू, हिरन और जंगली भैंसों समेत कई जंतुओं का पर्यावास है।
अर्थव्यवस्था
मिज़ोरम के पास संसाधनों की प्रचुरता है जिनका उपयोग राज्य में कई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए किया जाता है। बांस की प्रचुरता के अलावा बागवानी वाली कई फ़सलें निवेशकों के लिए कई प्रकार से लाभदायक हो हैं। देश का दूसरा सर्वाधिक साक्षर राज्य होने से मिज़ोरम देश का सर्वाधिक 'आई.टी.' साक्षर राज्य बनने जा रहा है। इसके अतिरिक्त यहाँ की ख़ूबसूरत प्राकृतिक छटा के साथ प्रचुर मात्रा में उपलब्ध सांस्कृतिक विरासत इसे पर्यटकों के लिए आकर्षक स्थान बनाता है। इस प्रकार राज्य के कई क्षेत्रों में निवेश की कई संभावनाएँ हैं।[3]
कृषि
कृषि यहाँ की मुख्य आर्थिक गतिविधि है। मिज़ोरम प्रदेश के लगभग 80 प्रतिशत लोग कृषि कार्यों में लगे हुए हैं। सीढ़ीदार खेती और झूम खेती[4] का प्रचलन है। अनुमानत: 21 लाख हेक्टेयर भूमि में से 6.30 लाख हेक्टेयर भूमि बागवानी के लिए उपलब्ध है। वर्तमान में 4127.6 हेक्टेरयर भूमि पर ही विभिन्न फ़सलों की बागवानी की जा रही है, जो कि अनुमानित संभावित क्षेत्र का 6.55 प्रतिशत मात्र है। मिज़ोरम में बागवानी फ़सलों के विकास की विस्तृत संभावनाएँ हैं। बागवानी की मुख्य फ़सलें फल हैं। इनमें मैडिरियन संतरा, केला, सादे फल, अंगूर, हटकोडा, अनन्नास और पपीता आदि शामिल हैं।
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