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Wednesday 27 September 2017

विश्व पर्यटन दिवस 27 Sep

विश्व पर्यटन दिवस  

विश्व पर्यटन दिवस



विवरणभारतीय पर्यटन विभाग ने सितंबर 2002 में 'अतुल्य भारत' नाम से एक नया अभियान शुरू किया था। इस अभियान का उद्देश्य भारतीय पर्यटन को वैश्विक मंच पर बढ़ावा करना था।
तिथि
27 सितंबर
उद्देश्य
विश्व पर्यटन दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य पर्यटन और उसके सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक व आर्थिक मूल्यों के प्रति विश्व समुदाय को जागरूक करना है। विश्व पर्यटन दिवस का मुख्य उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना और पर्यटन के द्वारा अपने देश की आय को बढ़ाना है।
अन्य जानकारी
भारत विश्व के पाँच शीर्ष पर्यटक स्थलों में से एक है। विश्व पर्यटन संगठन और वर्ल्ड टूरिज्म एण्ड ट्रैवल काउन्सिल तथा पर्यटन के क्षेत्र में अग्रणीय संगठनों ने भारतीय पर्यटन को सबसे ज़्यादा तेज़ी से विकसित हो रहे क्षेत्र के रूप में बताया है।
बाहरी कड़ियाँ
आधिकारिक वेबसाइट

विश्व पर्यटन दिवस हर साल 27 सितंबर को मनाया जाता है। विश्व में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 1980 से संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व पर्यटन दिवस आयोजित करने की शुरुआत 27 सितंबर को की थी, तब से आज तक निरंतर विश्व पर्यटन दिवस सभी विश्व के संगठन के देश मनाते चले आ रहे हैं।[1]

 
मुख्य लेख : पर्यटन

उद्देश्य

विश्व पर्यटन दिवस के लिए 27 सितंबर का दिन चुना गया क्योंकि इसी दिन 1970 में विश्व पर्यटन संगठन का संविधान स्वीकार किया गया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा हर साल विश्व पर्यटन दिवस की विषय-वस्तु तय करती है। विश्व पर्यटन दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य पर्यटन और उसके सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक व आर्थिक मूल्यों के प्रति विश्व समुदाय को जागरूक करना है। विश्व पर्यटन दिवस का मुख्य उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना और पर्यटन के द्वारा अपने देश की आय को बढ़ाना है। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर एक राष्ट्र को मेज़बान राष्ट्र घोषित किया जाता है जो कि जीवोग्राफिकल आर्डर पर होता है। विश्व पर्यटन दिवस का मेज़बान 2006 में यूरो, 2007 में दक्षिण एशिया, 2008 में अमेरिका और 2009 में अफ़्रीका को बनाया गया था। इस तरह पूरे विश्व के देशों में पर्यटन को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। जिनमें सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक कार्यक्रम शामिल हैं।

योजनाएँ

भारत के प्रति विश्व के पर्यटकों की संख्या देश में निरंतर आई आर्थिक मंदी एवं ताज बम काण्ड जैसे धमाके होने के बावजूद कम नहीं हुई है। भारत में विदेशी सैलानियों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न शहरों में अलग-अलग योजनाएँ लागू की गयीं हैं। पर्यटन उद्यम की आय में देश में क़ायम शांति से बढ़ावा हुआ है और इससे जुड़े उद्यम समूहों में होटल समूह की तादाद काफ़ी है।

पैलेस ऑन व्हील्स

पैलेस ऑन व्हील्स को देश की शाही सैलानी रेलगाड़ी का तीसरा हॉस्पिटेलिटी इंडिया इंटरनेशनल अवार्ड दिया गया है। राजस्थान पर्यटन विकास निगम का यह पहियों पर राजमहल दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर भारत का नाम रोशन करने वाला माना गया है। अब एक और पैलेस ऑन व्हील्स शुरू किए जाने की योज़ना है। इसमें पर्यटकों के लिए पहली से भी ज़्यादा सुख-सुविधाऐं होंगी।[2]

अतुल्य भारत अभियान

भारतीय पर्यटन विभाग ने सितंबर 2002 में 'अतुल्य भारत' नाम से एक नया अभियान शुरू किया था। इस अभियान का उद्देश्य भारतीय पर्यटन को वैश्विक मंच पर बढ़ावा करना था। सरकार और एक्सपीरियेंस इंडिया सोसायटी ने शुरुआती चरण के पहले तीन माह का खर्च वहन किया था। यह संस्था ट्रैवेल एजेंट्स से जुड़ी हुई है। इस अभियान के तहत हिमालय, वन्य जीव, योग और आयुर्वेद पर अंतर्राष्ट्रीय समूह का ध्यान खींचा गया। देश के पर्यटन क्षेत्र के लिए इस अभियान से संभावनाओं के नए द्वार खुले हैं।

देश की पर्यटन क्षमता को विश्व के समक्ष प्रस्तुत करने वाला अपने किस्म का यह पहला प्रयास था। पर्यटन के क्षेत्र में विकास इसके पहले राज्य सरकारों के अधीन हुआ करता था। राज्यों में समन्वय के स्तर पर भी बहुत थोड़े प्रयास दिखते थे। देश के द्वार विदेशी सैलानियों के लिए खोलने का काम यदि सही और सटीक विपणन ने किया तो हवाई अड्डों से पर्यटन स्थलों के सीधे जुड़ाव ने पर्यटन क्षेत्र के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज सैलानी पर्यटन के लिहाज़ से सुदूर स्थलों की सैर भी आसानी से कर सकते हैं। निजी क्षेत्रों की विमान कंपनियों को देश में उड़ान भरने की इजाज़त ने भी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है।

उल्लेखनीय प्रगति

भारत में केवल गोवाकेरलराजस्थानउड़ीसा और मध्यप्रदेश में ही पर्यटन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति नहीं हुई है, बल्कि उत्तराखंडहिमाचल प्रदेशउत्तर प्रदेशझारखंडआंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ के पर्यटन को भी अच्छा लाभ पहुँचा है। हिमाचल प्रदेश में पिछले वर्ष 6.5 मिलियन पर्यटक गए थे। यह आंकड़ा राज्य की कुल आबादी के लगभग बराबर बैठता है। इन पर्यटकों में से 2.04 लाख पर्यटक विदेशी थे। आंकड़ों के लिहाज़ से देखें तो प्रदेश ने अपेक्षा से कहीं अधिक सफल प्रदर्शन किया।[3]

ख़ूबियाँ

भारत विश्व के पाँच शीर्ष पर्यटक स्थलों में से एक है। विश्व पर्यटन संगठन और वर्ल्ड टूरिज्म एण्ड ट्रैवल काउन्सिल तथा पर्यटन के क्षेत्र में अग्रणीय संगठनों ने भारतीय पर्यटन को सबसे ज़्यादा तेज़ी से विकसित हो रहे क्षेत्र के रूप में बताया है। भारतीय पर्यटन की कुछ ख़ूबियाँ इस प्रकार हैं-

कोन्डे नास्त ट्रैवलर पुस्तिका के पाठकों के अनुसार कि भारत का स्वास्थ्यवर्धक विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्यवर्धक स्थलों में से एक है।विश्व पर्यटन संगठन ने भारतीय पर्यटन को सर्वाधिक तेज़ी से यानि 8.8 फ़ीसदी वार्षिक की दर से विकसित हो रहे उद्योग के रूप में घोषित किया है।पर्यटन देश का तीसरा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाला उद्योग है। 2004 में पर्यटन से 21 हज़ार करोड़ रुपए से भी अधिक की आय हुई।देश की कुल श्रम शक्ति में से 6 प्रतिशत को पर्यटन में रोज़गार मिला हुआ है। पर्यटन उद्योग की सबसे बड़ी ख़ूबी यह है कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर पैदा हुए हैं।भारत के विशाल तथा ख़ूबसूरत तटीय क्षेत्र, अछूते वन, शान्त द्वीप समूह, वास्तुकला की प्राचीन, ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक परम्परा, रंगमंच तथा कलाकेन्द्र पश्चिम के पर्यटकों के लिए ख़ूबसूरत आकर्षण के केन्द्र बन सकते हैं।विदेशी पर्यटकों के प्रति आत्मीयता दर्शाने के लिए सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम अतिथि देवो भव: शुरू किया गया है।[4]

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